सब सो रहे थे जिंदगी की दौड़ में , अब शायद जग गए हैं ! इस दौड़ में फायदे से ज्यादा शायद नुक्सान कर बैठे , ये सोचने अब लग गए हैं !!
कुदरत को नोच रहे थे हम सब अपने अपने तरीके से , आखिर कुदरत को भी रोना आ गया !
दौड़ती भागती इस दुनिया की तेज रफ़्तार को अचानक रोक देने वाला ,, जाने कहा से ये कोरोना आ गया !!
इस छोटे से वायरस ने पूरी दुनिया को गिरफ्त में लेकर , हम सबको चौंका दिया है ! और दूसरी तरफ इंसानों को घर में नजरबन्द करके, कुदरत को खुली हवा में सांस लेने का मौका दिया है !!
जाने कब कहां कैसे ये वायरस हमारे देश की सरहद को भी पार कर गया ! और जहाँ लोग एक दिन की छुट्टी को भी तरसते थे , उनके हफ्ते का हर दिन रविवार कर गया !!
पता ही नहीं चलता कब और कैसे ये हमारे पास आ जाता है ! और जब तक पता चलता है तब तक न जाने कितने लोगों को अपना शिकार बना जाता है !!
दुनिआ का बड़े से बड़ा देश इसके खिलाफ फिलहाल लाचार है ! “लोगो से दूरी और सफाई पूरी ” फिलहाल यही इसके खिलाफ हथियार है !!
अलमारी में रखे कपड़े और रैक में पड़े जूते बाहर निकलने को बेताब हैं ! खाली सड़के और सुनसान बाजार जैसे टूटा हुआ सा इक ख्वाब हैं !!
रोजी रोटी की दौड़ छोड़ कर कुछ लोग वापिस अपने घरों की तरफ मुड़ रहे हैं ! वही जिनके पास अपने परिवार के लिए कभी वक्त की कमी थी , वो भी धीरे धीरे अपने परिवार से जुड़ रहे हैं !!
मुश्किल समय है यकीनन , चलिए नजरिया थोड़ा बदलते हैं ! कुछ भी सोचने के लिए अभी वक्त ही वक्त है तो कुछ नया सीखते हैं और सम्भलते हैं !!
बाहर नहीं जा सकते तो क्या हुआ , मन के अंदर ही सही ! परिवार समेत ऐक साथ इतना वक्त बिताने का मौका शायद फिर से मिलेगा भी नहीं !!
और हाँ दिल से मेरा सलाम हर उस शख्स को जो अब भी हमारे लिए काम कर रहा है!
इस मुश्किल घड़ी में परिवार को छोड़कर , अपना वक्त देश के नाम कर रहा है !!
एक दिन तो कोरोना चला ही जाएगा तब ………..
जिंदगी पहले ज्यादा सही थी या कोरोना से मिली सीख के बाद , ये सवाल खुद से कर लेना !
और दिल से इसका जो भी जवाब निकले ,, उसे हमेशा हमेशा के लिए मन में भर लेना 🙏🙏🙏