जिंदगी

जिंदगी तू है , इक प्यारा सा ख्वाब | 
मुश्किल और अनसुलझे सवालो का इक प्यारा सा जवाब ||

 

 

तुझसे इश्क तब हुआ , मेरे मन का जब हुआ | 
सपनो में गजब का सुकून था , न जाने सवेरा कब हुआ ||

 

 

जब कभी ये एहसास हुआ , जिंदगी तुझे जान लिया |
मुस्कुराते हुए जिंदगी ने , फिर एक नया इम्तिहान लिया ||

 

 

कभी हार की मायूसी , कभी जीत का एहसास |
कभी लगती है राख सी ,कभी सोने सी ख़ास ||

 

 

कभी लगता है इस भीड़ में , हम सब कुछ ख़ास है | 
लेकिन शायद इसी वजह ,आज हम उदास है ||

 

 

नए लोगो से मिलती है , नए ख्वाब दिखती है | 
जिंदगी तू कमाल है , हर पल जीना सिखाती है ||

 

 

हर कोई जिंदगी में , रिवर्स बटन चाहता है | 
पर फिर खुद को धोखा देकर , वही गलती दोहराता है ||

 

 

लाखो की इस भीड़ में , हर शख्स ही कमजोर है |
चेहरे पर खामोशी है ,और दिल में कितना शोर है ||

 

 

आज जी लेते है ये सोचकर , शायद कल कुछ ख़ास होगा |
जो लम्हा आज जी न सके , शायद कल वो पास होगा ||

 

 

कभी मुस्कुराती हुई सुबह , कभी ख़ामोशी भरी शाम है |
गिरना उठाना चलते रहना जीना इसी का नाम है ||

 


दीपक ✍️

One thought on “जिंदगी

  • हर कोई जिंदगी में , रिवर्स बटन चाहता है |
    पर फिर खुद को धोखा देकर , वही गलती दोहराता है ||
    Loved this phrase!
    Kitne savalo ke jawaab de gyi tumhari ye kavita!
    Kya likha hai shyad sahi kehte dum hai tunhare kalam mei

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