
खुद को जब इस समाज से जोड़ता हूँ तो अच्छाई और बुराई दोनों महसूस करता हूँ ! हमारे आसपास अगर कुछ गलत हो रहा है तो कुछ सही भी हो रहा है ! तो इसी सही गलत की कशमकश में सिमट गया हूँ की आखिर कौन हूँ मैं !!
हाँ मैं मौन हूँ |
खुद को पहचान रहा हूँ की मैं कौन हूँ ,
इसलिए अभी मौन हूँ ||
मंदिर की घंटियों की आवाज हूँ ,,या मस्जिद से निकली हुई आजान हूँ | या फिर दंगों की भीड़ में पत्थऱ लेकर ,कोई भटका हुआ इंसान हूँ ||
अपनी इज्जत को बचाती हुई , उस नारी की चीख हूँ |
या ” नारी का सम्मान करो ” , संस्कारो से मिली हुई ये सीख हूँ ||
सरकारी टेबल के नीचे से मिलने वाला , रिश्वत का वो नोट हूँ |
या अपने काम को ईमानदारी से करने से ,भ्रष्टाचार पर की हुई चोट हूँ ||
बच्ची की आवाज सुनकर , उसे कोख में ही मार देने वाला हैवान हूँ |
या फिर मैरी कॉम, लक्ष्मी , गीता , बबिता , इन सबकी सफलता के पीछे खड़ा इंसान हूँ ||
आलस में डूबा हुआ , सरकार और परिवार को कोसता हुआ आज का बेरोजगार हूँ |
या फिर खुद ज़िम्मेदारी उठाकर मेहनत से बनाया हुआ , एक युवा का व्यापार हूँ ||
हम सबकी उम्र कम करता हुआ , फैक्ट्री से निकला हुआ प्रदूषण हूँ |
या पेड़ बनकर सबको जिंदगी देता हुआ ,, इस धरती का आभूषण हूँ ||
महंगी पढाई की लूट से , हर आम आदमी पर पढ़ने वाला बोझ हूँ |
या फिर इसी सिस्टम से लड़ने वाले आनंद कुमार की , सुपर 30 की खोज हूँ ||
चेहरे का मुखौटा उतर जाने पर ,टूटता हुआ परिवार का कोई रिश्ता हूँ | या फिर बिना किसी पहचान के , किसी अजनबी की मदद कर देने वाला फरिश्ता हूँ ||
बस सही गलत के इसी तराजू में , खुद को तोल रहा हूँ |
जुबां तो खामोश हैं , बस अपनी कलम से बोल रहा हूँ ||
हाँ इसलिए ही मैं मौन हूँ |
खुद को पहचान रहा हूँ की मैं कौन हूँ ||
दीपक ✍️
Wow.. itni kam panktiyon mei itni saari soch aur har line mann m bahut saare questions uthate..
Nice job Deepu 😊😊